जमीन की गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी पर कांग्रेस का हमला, सक्ती में पत्रकार वार्ता कर सरकार के निर्णय को बताया ‘जनविरोधी'
सक्ती।छत्तीसगढ़ प्रदेश की बिष्णुदेव सरकार द्वारा हाल ही में जमीन की गाइडलाइन दरों में की गई बढ़ोतरी को लेकर प्रदेश की कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है। इसी क्रम में 1 दिसंबर को राज्यभर में पत्रकार वार्ता और पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिला मुख्यालय सक्ती में भी कांग्रेस जिला अध्यक्ष रश्मि गबेल के नेतृत्व में शासकीय विश्रामगृह में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए रश्मि गबेल ने कहा कि गाइडलाइन दरों में 10 से 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी अनुचित और अदूरदर्शी निर्णय है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ोतरी से न केवल बेरोजगारी बढ़ेगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार आने के बाद भूमि की सरकारी कीमतों में कुल मिलाकर 40 से 130 प्रतिशत तक की वृद्धि हो चुकी है।
गाइडलाइन बढ़ोतरी को बताया आम जनता पर बोझ
जिला अध्यक्ष गबेल ने कहा कि गाइडलाइन दर बढ़ने से आम लोगों पर मकान, दुकान और उद्योग स्थापित करने का खर्च बढ़ जाएगा। भूमि की खरीदी-बिक्री ठप होने से व्यापार और रोजगार दोनों प्रभावित होंगे। उन्होंने दावा किया कि देश के बड़े शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पुणे और हैदराबाद में भी गाइडलाइन दरें एक बार में 10–15% से अधिक नहीं बढ़ाई जातीं।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि पहले सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल में दी जाने वाली 30% गाइडलाइन छूट को समाप्त कर दिया और अब अचानक भारी वृद्धि कर दी है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर, किसान और मध्यम वर्ग पर बड़ी मार पड़ी है।
कृषि भूमि रजिस्ट्री को लेकर उठाए सवाल
कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने हाल ही में निवेश क्षेत्र की कृषि भूमि के लिए लागू नए नियमों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक एकड़ जमीन बेचने वाले किसान को अब शुरुआती 15,000 वर्गफुट पर वर्गफुट के हिसाब से और बाकी हिस्से पर हेक्टेयर दर से स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होगा, जिससे कृषि भूमि खरीदना काफी महंगा हो जाएगा।
कांग्रेस ने उदाहरण देते हुए दावा किया कि कई क्षेत्रों में 30 लाख की जमीन पर 22 लाख रुपये की रजिस्ट्री, और कुछ स्थानों पर 6 लाख की जमीन पर 4.40 लाख रुपये का रजिस्ट्री शुल्क देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति गरीब और मध्यम वर्ग के लिए बेहद चिंता का विषय है।
5 डिसमिल से कम रजिस्ट्री बंद होने पर भी आपत्ति
पत्रकार वार्ता में रश्मि गबेल ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही 5 डिसमिल से कम भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगा चुकी है, जिससे छोटे भूखंड रखने वाले लोग अपनी जमीन का हिस्सा बेच पाने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले छोटे किसानों, गरीबों और रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को परेशान करने वाले हैं।
कांग्रेस ने बताया जनविरोधी फैसला
कांग्रेस ने इन सभी निर्णयों को जनविरोधी और विकास विरोधी बताया तथा घोषणा की कि पार्टी इस मुद्दे पर जनआंदोलन जारी रखेगी।
पत्रकार वार्ता में पूर्व जिला अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल ‘दादू’, जिला कोषाध्यक्ष नरेश गेवाडीन, जिला प्रवक्ता एडवोकेट गिरधर जायसवाल, किसान कांग्रेस अध्यक्ष साधेश्वर गबेल, महिला कांग्रेस अध्यक्ष गीता देवांगन सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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