सक्ती में बड़ा कार्रवाई तूफान : तीन BEO निलंबित, स्वच्छता सामग्री घोटाले की गाज — शिकायतकर्ता अभिषेक शर्मा बोले, “जनता का पैसा कोई हजम नहीं कर पाएगा”

 सक्ती में बड़ा कार्रवाई तूफान : तीन BEO निलंबित, स्वच्छता सामग्री घोटाले की गाज — शिकायतकर्ता अभिषेक शर्मा बोले, “जनता का पैसा कोई हजम नहीं कर पाएगा”


जानिए क्या है पूरा मामला?


छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला सक्ति में शासकीय विद्यालयों के लिए स्वच्छता सामग्री की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ सामने आने के बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई संयुक्त संचालक शिक्षा, बिलासपुर संभाग की विस्तृत जाँच रिपोर्ट के आधार पर की गई, जिसमें नियमों की खुली अवहेलना, बिना भौतिक सत्यापन के खरीद और गुणवत्ताहीन सामग्री की आपूर्ति जैसे गंभीर तथ्य उजागर हुए।


सक्ती — शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए स्वच्छता सामग्री क्रय में भारी गड़बड़ी के मामले में तीन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। शिकायत का प्रारंभिक सूत्र भाजपा सक्ती नगर मंडल के महामंत्री अभिषेक शर्मा द्वारा उठाया गया था, जिसकी विस्तार से जाँच के बाद शासन ने माना कि करोड़ों रुपये के बजट वाली प्रक्रिया को विभागीय अधिकारियों ने “मनमर्जी से, बिना गुणवत्ता और बिना नियम पालन” के पूरा किया।

आदेश

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी डभरा श्यामलाल वारे, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जैजैपुर वी.के. सिदार और तत्कालीन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मालखरौदा टी.एस. जगत ने सरकारी विद्यालयों के लिए स्वच्छता सामग्री की खरीद में भण्डार क्रय नियमों, आदेश की शर्तों और गुणवत्ता मानकों का अनुपालन नहीं किया। न केवल भौतिक सत्यापन अनुपस्थित था बल्कि कम गुणवत्ता वाली सामग्री को अधिक कीमत में खरीदा गया, जिससे शासन को आर्थिक क्षति पहुँचने की पुष्टि हुई।


जाँच रिपोर्ट में पाई गई अनियमितताओं को “गंभीर कदाचार” मानते हुए शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सक्ती निर्धारित किया गया है। शासन ने स्पष्ट कहा है कि अधिकारियों का यह आचरण सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के विपरीत पाया गया है।


अभिषेक शर्मा का कड़ा बयान : “यह तो शुरुआत है—सक्ती में भ्रष्टाचार का सफाया होना चाहिए”


शिकायतकर्ता एवं भाजपा सक्ती नगर मंडल के अध्यक्ष और जिला महामंत्री युवा मोर्चा अभिषेक शर्मा ने से बात करते हुए कहा—


“मैंने यह मुद्दा इसलिए उठाया क्योंकि यह जनता के खून-पसीने का पैसा है। किसी भी अधिकारी को मनमानी करने और शासन की व्यवस्था को ठेंगा दिखाने का अधिकार नहीं है। शासन द्वारा यह कार्रवाई स्वागत योग्य है, पर मैं मानता हूँ कि यह सिर्फ शुरुआत है। सक्ती जिले में जहाँ भी भ्रष्टाचार हुआ है, उन सभी की जांच होनी चाहिए और दोषियों को कठोर दंड मिलना चाहिए।”



अभिषेक शर्मा जिन्होंने मामला उजागर किया

उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा जैसे संवेदनशील विभाग में भी लापरवाही और अनियमितता होगी तो बच्चों का भविष्य प्रभावित होगा, इसलिए यह कार्रवाई आने वाले समय के लिए “संदेश” है कि गलत कार्य करने वालों पर कार्रवाई निश्चित है।


जिले में हड़कंप : शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना मामला


निलंबन आदेश के बाद जिला सक्ती सहित बिलासपुर संभाग के शिक्षा विभाग में मामला तेजी से चर्चा का विषय बन गया है। कई शिक्षकों और कर्मचारियों ने इसे “ऐतिहासिक कदम” बताया है क्योंकि पहली बार तीनों विकासखण्डों पर एक साथ बड़ी कार्रवाई हुई है।


सक्ती में स्कूल शिक्षा विभाग की इतिहास की बड़ी कार्रवाई — अब आगे?


सूत्रों के अनुसार अब विभाग स्वच्छता सामग्री आपूर्ति से जुड़े सप्लायर और बिलिंग प्रक्रिया की भी जाँच कर सकता है। संभव है कि आगे और नाम इस जांच की जद में आएँ।


संभागीय संयुक्त संचालक को पत्र








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